वाराणसी में मनाई गई डा. हरि सिंंह गौर की जयंति
सभी ने श्रद्धांजली अर्पित की तथा सागर वि.वि. के बीते दिनों को याद किया। बार्ता के दौरान मांग उठी कि डा. गौर को भारत रत्न मिलना चाहिये।
इसी अवसर पर मेरे द्वारा रचित कविता :
सभी ने श्रद्धांजली अर्पित की तथा सागर वि.वि. के बीते दिनों को याद किया। बार्ता के दौरान मांग उठी कि डा. गौर को भारत रत्न मिलना चाहिये।
इसी अवसर पर मेरे द्वारा रचित कविता :
जीवन भर की कमाई देकर बना
दिया, सागर में शिक्षालय,
बुंदेलखण्ड
का गौरव है यह, केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर ॥
•1946 में स्वतंत्रता से पूर्व
ही ज्ञान की ज्योति जलाई,
बुंदेलखण्ड
के विकास में इससे नयी क्रांति आई॥
•शिक्षा विद, कानून वेत्ता,
बहुआयामी व्यक्तित्व था उनका,
भारतीयों
के साथ साथ अंग्रेज भी मानते थे लोहा जिनका॥
•दिल्ली नागपुर सागर विवि में
कुलपति पद को सुशोभित किया
राजनीतिक
सामाजिक जीवन में भी सुचिता सेवा को महत्व दिया॥
•सागर के पुराछात्रों व
नागरिकों ने जन्म जयंति मनाई
गौर
बब्बा के जन्म दिन पर सभी को ढेर सारी बधाई ॥
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